हर क्षण ही आशीष हमारा तव संग है, हो दीप्तिमान तुम हमारे प्रिय रघुवंश। हर क्षण ही आशीष हमारा तव संग है, हो दीप्तिमान तुम हमारे प्रिय रघुवंश।
सीता का अपहरण एक बार, लंका का विध्वंस बना, द्रोपदी के चीर हरण से, महाभारत का युद्ध ठ सीता का अपहरण एक बार, लंका का विध्वंस बना, द्रोपदी के चीर हरण से, महाभा...
कहाँ गए रामभक्त जब सीता का दामन छूट रहा है, यही है क्या मंजर जब, मनुष्य राज्य लूट रहा कहाँ गए रामभक्त जब सीता का दामन छूट रहा है, यही है क्या मंजर जब, मनुष्य राज्य...
ना धरती माँ के लिये कत्ले आम करो ना धरती माँ का अपमान करो। जख्मो से धरती छलनी है, मत ना धरती माँ के लिये कत्ले आम करो ना धरती माँ का अपमान करो। जख्मो से धरती छ...
उन हाथों में वो बात नहीं जो जीवनभर मसरूफ रहे, उस दर दीवार में वो बात नहीं जो जीवनसा उन हाथों में वो बात नहीं जो जीवनभर मसरूफ रहे, उस दर दीवार में वो बात नहीं ...
एक घर में जन्म लेकर,दो घर को सजाती है, एक घर में जन्म लेकर,दो घर को सजाती है,